दसवीं या बारहवीं में फेल होने के बाद क्या करें?
जब उम्मीदें टूटती हैं, तब रास्ते खुलते है:-
बोर्ड परीक्षा में असफल होना एक कठिन अनुभव हो सकता है, लेकिन यह अंत नहीं मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (MPBSE) ने छात्रों के लिए नई नीतियाँ लागू की हैं, जो उन्हें दोबारा परीक्षा देने का अवसर प्रदान करती हे | अब, यदि कोई छात्र सभी विषयों में फेल हो जाता है, तो वह चार महीने के भीतर पुनः परीक्षा दे सकता |
विकल्पों की विविधता:-
कंपार्टमेंट परीक्षा: - यदि आप एक या दो विषयों में फेल हुए हैं, तो आप कंपार्टमेंट परीक्षा देकर पास हो सकते
ओपन स्कूलिंग:- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) के माध्यम से आप अपनी पढ़ाई जारी रख सकते ।
स्किल डेवलपमेंट कोर्सेज:- यदि आप पारंपरिक शिक्षा से हटकर कुछ नया सीखना चाहते हैं, तो विभिन्न स्किल डेवलपमेंट कोर्सेज आपके लिए उपलब्ध हे |
आत्मनिरीक्षण और आगे की योजना:-
स्वयं का मूल्यांकन करे:- यह समझें कि असफलता का कारण क्या था और भविष्य में उससे कैसे बचा जा सकत है।
परामर्श ले:- शिक्षकों, परिजनों या करियर काउंसलर्स से सलाहलें |
लक्ष्य निर्धारित करे:- अपने भविष्य के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें और उन्हें प्राप्त करने की योजना बाएं।
दसवीं या बारहवीं में फेल होना जीवन का अंत नहीं है | यह एक नया अवसर है, स्वयं को समझने और बेहतर बनाेका । सरकार और विभिन्न संस्थानों द्वारा प्रदान किए गए विकल्पों का उपयोग करके आप अपने भविष्य को नई दिशा दे सकत हैं। यदि आप इस विषय पर और अधिक जानकारी या मार्गदर्शन चाहते हैं, तो कृपया बताएं। मैं आपकी सहायता के लिए यहाँ हूँ।
खुद को दोष देना बंद करें:-
क्या दोबारा परीक्षा दी जा सकती है? हाँ:-
1. MP Board हर साल "पुर्नमूल्यांकन" और "सप्लीमेंट्री परीक्षा" यानी पूरक परीक्षा की सुविधा देता है।
2. पूरक परीक्षा उन्हीं विषयों में दी जा सकती है, जिनमें छात्र असफल हुए हैं।
इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है, जिसकी तिथि और प्रक्रिया MPBSE की वेबसाइट पर घोषित होती है।
अगर दोबारा नहीं देना चाहते तो क्या ?
यहां रास्ते bifurcate होते हैं — और यही पेरेप्लेक्सिटी की शुरुआत होती है।
आप ओपन स्कूलिंग (NIOS) से परीक्षा दे सकते हैं, जिसमें लचीलापन होता है।
स्किल डेवलपमेंट कोर्सेज़ — जैसे ITI, डिजिटल मार्केटिंग, ग्राफिक डिजाइनिंग — ऐसे विकल्प हैं जो केवल अंक नहीं, आपकी रुचि और क्षमता को आधार बनाते हैं।
12वीं फेल छात्र- अगर वे किसी एक या दो विषय में असफल हैं, तो कुछ प्राइवेट कॉलेज या संस्थान उन्हें कुछ कोर्सेज़ के लिए अनुमति देते हैं। यह आवश्यक नहीं कि हर रास्ता बोर्ड परीक्षा से होकर ही गुजरे।
4. मानसिक स्थिति का ख्याल रखें:-
कभी-कभी जो सबसे ज्यादा अनदेखा होता है, वही सबसे ज्यादा ज़रूरी होता है — मानसिक स्वास्थ्य।
1. दोस्तों, परिवार या काउंसलर से बात करें।
2. एक असफलता से अपने जीवन का मान घटाना आत्म-अन्याय है।
3. कुछ दिन प्रकृति के पास जाएँ, लिखें, सोचें — क्योंकि कभी-कभी चुप्पी में ही दिशा मिलती है।
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